अपनी मांगों को लेकर नर्सिंग अधिकारियों के साथ साथ पेरमेदिकल स्टाफ की भी हडताल जारी है। हडताल पर बैठे नर्सिंग अधिकारी व स्वास्थ्यकर्मियों की मांगों को लेकर अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। हडताल के कारण प्रदेश भर के अस्पतालों में मरीजों को कई परेशानीओ का सामना करना पड रहा है। कई परेशानियों से जूझ रहे मरीज का दर्द इन हड़ताली अधिकारियों व कर्मचारियों को महसूस नहीं हुआ, न इनकी मांगों को सुनकर हल निकालने वाले अधिकारियों पर कोई असर पड़ा।
मेडिकल स्टॉफ 10 सूत्री मांगों को लेकर प्रदेश भर की नर्सिंग ऑफिसर अनिश्चितकालीन हड़ताल MP Nurses Strike पर चली गई हैं. सभी प्रदेश सरकार से अपनी मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रही थी. नर्सिंग अफसर के समर्थन में पैरामेडिकल स्टाफ और फॉर्मिस्ट भी हड़ताल में शामिल हो गए है. भोपाल के jp अस्पताल से लेकर ,विदिशा ,हरदा ,सतना के सरकारी अस्पताल में हड़ताल जारी है । हॉस्पिटल में इन सभी ने धरना प्रदर्शन कर अपनी आवाज प्रशासन तक पहुचाने का कार्य किया हैं|
नर्सिंग ऑफिसर कि यह है मांगे
नर्सिंग स्टाफ की 10 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल
1. प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्वशासी अधिकारी कर्मचारियों के वर्ष 2018 के भर्ती नियमों में संशोधन किया जाए। साथ ही भर्ती नियमों में संशोधन करते समय एसोसिएशन के प्रतिनिधियों का सुझाव लिया जाए।
2. सीनियर नर्सिंग ऑफिसर / ट्यूटर की ग्रेड पे 4600 की जाए।मेट्रन ग्रेड पे 4800 की जाए।
3. रात्रिकालीन आकस्मिक चिकित्सा भत्ता 300 रुपये प्रति रात्री दिया जाए।
4. नर्सिंग संवर्ग के वेतन विसंगति को दूर किया जाये | अन्य प्रदेशों की भांति सेकेण्ड ग्रेड दिया जाए। नर्सिंग ऑफिसर वेतनमान ग्रेड पे 2800 से बढ़ाकर ग्रेड पे 4200 किया जाए।
5. ग्वालियर और रीवा मेडिकल कॉलेज में जी. एन. एम. नर्सिंग को तीन एवं बी.एस.सी. नर्सिंग को चार वेतन वृद्धि दी गई है, जबकि अन्य मेडिकल कॉलेजों में नहीं दी गई है। विभाग द्वारा सौतेला व्यवहार किया गया है। ग्वालियर एवं रीवा मेडिकल कॉलेज की भांति अन्य शेष मेडिकल कॉलेज के नर्सिंग ऑफिसर को तीन एवं चार वेतन वृद्धि दी जाए।
6. प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्वशासी अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ जनवरी 2016 से दिया जाए।पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए।
7. नर्सिंग संवर्ग की पदोन्नति हेतु विभाग द्वारा पदोन्नति पद पर प्रभार के तौर पर प्रभारी बनाया जाए।
7 .1 नर्सिंग ट्यूटर के पद सृजित किए जाना चाहिए ।
8. स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग अन्तर्गत संचालनालय स्तर पर सहायक संचालक का पद सृजित है, जो नर्सिंग संवर्ग का है. वर्तमान में अन्य कैडर से कार्य कराया जा रहा है जो अनुचित हैं। सहायक संचालक के पद पर नर्सिंग सवर्ग से कार्य कराया जाए।
9. नर्सिंग स्टूडेंट का scholarship रु. 3000 से बढ़ाकर रु. 8000 किया जावे।
10. शासकीय सेवा में सीधी भर्ती में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पदों पर चयन होने पर तीन वर्ष की परिवीक्षा अवधि और 70 %, 60 % 90 % मानदेय नियम को निरस्त कर पूर्व की भांति यथावत रखा जाए।